December 24, 2024

सपा और कांग्रेस

UP By-Election 2024: सपा और कांग्रेस का नया दांव, जानें किसको मिलेगी टिकट

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UP By-Election 2024: सपा और कांग्रेस का नया दांव, जानें किसको मिलेगी टिकट

यूपी उपचुनाव 2024: सपा और कांग्रेस फिर साथ, जानें कौन कहां से लड़ेगा चुनाव

यूपी की राजनीति में बड़ा मोड़ आने वाला है, क्योंकि 2024 के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस एक बार फिर गठबंधन में नजर आएंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में यह संकेत दिए हैं कि उपचुनाव में भी गठबंधन कायम रहेगा। आइए जानते हैं कौन-कौन से उम्मीदवार किस सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।

इन 10 सीटों पर होगा उपचुनाव

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। इनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुनर्की, कटेहरी, मीरापुर, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर और मझवा सीटें शामिल हैं। अयोध्या से सांसद चुने गए अयोध्या प्रसाद पहले मिल्कीपुर विधानसभा सीट से विधायक थे। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। अब सपा इस सीट को हाथ से जाने नहीं देना चाहती, इसलिए मिल्कीपुर सीट से अयोध्या प्रसाद के बेटे अजीत को टिकट देने की योजना बना रही है।

कटेहरी से लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को मौका?

अंबेडकरनगर से सांसद बनने से पहले लालजी वर्मा कटेहरी सीट से विधायक थे। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई। अब सपा यहां उपचुनाव में लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को चुनाव मैदान में उतार सकती है। वहीं, कन्नौज से सांसद चुने गए अखिलेश यादव पहले करहल विधानसभा सीट से विधायक थे। अखिलेश यादव के सांसद बनने के बाद यह सीट भी खाली हो गई। सपा यहां तेज प्रताप यादव पर दांव लगा सकती है।

सीसामऊ से इरफान सोलंकी की पत्नी का नाम चर्चा में

कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा इरफान सोलंकी की पत्नी को मैदान में उतार सकती है। यह सीट इरफान सोलंकी के विवादों में आने के बाद खाली हुई थी। सपा के लिए यह सीट भी अहम है, इसलिए यहां से इरफान सोलंकी की पत्नी को चुनाव लड़ाने की चर्चा है।

सपा-कांग्रेस गठबंधन फिर से सक्रिय

लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा ने 37 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 6 सीटों पर परचम लहराया। लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनाव से दूरी बनाने का मन बनाया था। लेकिन बीते दिन पार्टी मुख्यालय पर हुई बैठक में अखिलेश यादव ने उपचुनाव लड़ने के संकेत दे दिए। अब माना जा रहा है कि सपा एक बार फिर कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है।

उपचुनाव की रणनीति पर सपा की बैठक

समाजवादी पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में उपचुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई। अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी का मुख्य फोकस चुनाव जीतने पर होगा और इसके लिए सपा कांग्रेस के साथ मिलकर काम करेगी। बैठक में सभी प्रमुख नेता मौजूद थे और उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र की रिपोर्ट सौंपी।

उपचुनाव में युवाओं को मिलेगी जिम्मेदारी

अखिलेश यादव ने बैठक में यह भी बताया कि उपचुनाव में युवाओं को अधिक जिम्मेदारी दी जाएगी। पार्टी युवा नेताओं को चुनावी मैदान में उतारकर उन्हें आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। इससे पार्टी की छवि भी युवा और ऊर्जावान बनेगी।

गठबंधन की उम्मीदें और चुनौतियां

सपा और कांग्रेस का गठबंधन यूपी की राजनीति में नया अध्याय जोड़ सकता है। लेकिन यह गठबंधन कितनी दूर तक जाएगा, यह देखने वाली बात होगी। दोनों पार्टियों के लिए यह उपचुनाव महत्वपूर्ण है और इसके नतीजे 2024 के विधानसभा चुनाव की दिशा भी तय कर सकते हैं।

जनता की नजरें उपचुनाव पर

यूपी की जनता की नजरें भी इन उपचुनावों पर टिकी हैं। उपचुनाव के नतीजे यह बताएंगे कि जनता का रुख किस पार्टी की तरफ है। अगर सपा-कांग्रेस गठबंधन कामयाब होता है, तो यह भाजपा के लिए बड़ा झटका हो सकता है।

इस तरह, यूपी उपचुनाव 2024 में सपा और कांग्रेस का गठबंधन, नए उम्मीदवारों का चयन और उपचुनाव की रणनीति सभी के लिए दिलचस्प विषय बन गए हैं। अब देखना यह होगा कि यह गठबंधन कितना सफल होता है और किसे जीत का ताज पहनने का मौका मिलता है।

The alliance between Samajwadi Party (SP) and Indian National Congress (INC) can bring a new chapter to the politics of Uttar Pradesh. However, the extent to which this alliance will progress remains to be seen.

 These by-elections are crucial for both parties and the results can also determine the direction of the 2024 Assembly elections. Heading: Public’s Perspective on By-Elections The public’s attention is also focused on these by-elections in Uttar Pradesh. The results will indicate which party the public is inclined towards.

 If the SP-Congress alliance succeeds, it could be a major blow to the Bharatiya Janata Party (BJP). Thus, the SP-Congress alliance, selection of new candidates, and the electoral strategy have become interesting subjects for everyone in the 2024 UP by-elections. 

Now, it remains to be seen how successful this alliance is and who gets the opportunity to wear the crown of victory.