गाजियाबाद में 3 साल से पहचान बदलकर किशोरी से हो रहा था रेप, AAP पार्षद पर भी गंभीर आरोप

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गाजियाबाद में 3 साल से पहचान बदलकर किशोरी से हो रहा था रेप, AAP पार्षद पर भी गंभीर आरोप

डॉक्टर के खुलासे से खुला राज़

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक युवक ने नाम बदलकर पहले किशोरी से दोस्ती की और फिर कई सालों तक उसके साथ रेप किया। तबीयत खराब होने पर जब डॉक्टरों ने किशोरी को गर्भवती बताया तो पूरा मामला खुल गया। इस चौंकाने वाले केस में टीला मोड़ थाने में कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। पीड़िता की मां ने इस मामले में आम आदमी पार्टी के स्थानीय पार्षद पर धमकाने का आरोप लगाया है।

आरोपी सोनू खान, उसकी मां और पार्षद पर केस

एसीपी शालीमार गार्डन सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि पीड़िता की मां की शिकायत पर सोनू खान, उसकी मां और वॉर्ड-66 के पार्षद मुस्तकीम पर केस दर्ज किया गया है। वहीं, धार्मिक संगठन से जुड़े लोगों ने पुलिस पर भी कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पार्षद के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

3 साल से चल रहा उत्पीड़न

पीड़िता ने बताया कि आरोपी से उसका संपर्क 3 साल पहले हुआ था। आरोपी ने अपना नाम सोनू बताया और फिर उसके साथ रेप किया गया। बाद में जब उसे असली पहचान के बारे में पता चला तो उसने विरोध किया। लेकिन आरोपी ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया। इसके बाद आरोपी ने कई बार रेप किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। तबीयत खराब होने पर पूरा मामला खुल गया।

पार्षद पर धमकाने का आरोप पीड़िता ने आरोप लगाया है कि वह चौकी पर शिकायत करने गई थी, जहां पार्षद ने पुलिस के सामने ही उसे धमकाया। आरोपी सोनू भी पार्षद के नाम से धमकी देकर उसे परेशान कर रहा था। इस मामले में माहौल गरमाने लगा है और स्थानीय लोग कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

पार्षद का पक्ष

मामले में आम आदमी पार्टी से वॉर्ड-66 पार्षद मुस्तकीम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आरोप पूरी तरह से गलत हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार उनसे मिला था और शादी करवाने की बात कर रहा था। उन्होंने स्थिति को देखते हुए पुलिस की मदद लेने के लिए कहा था और सांप्रदायिक तनाव न हो, इसलिए इससे इनकार किया था। पार्षद ने कहा कि वह पुलिस की जांच में पूरी तरह से सहयोग करेंगे।

पीड़िता की दर्द भरी कहानी

पीड़िता ने बताया कि जब वह पहली बार आरोपी से मिली थी तो उसे कोई शक नहीं हुआ। सोनू ने बहुत ही मासूमियत से दोस्ती की शुरुआत की और फिर धीरे-धीरे उसका विश्वास जीत लिया। तीन साल पहले, जब सोनू ने पहली बार रेप किया, तो वह डर और शर्म के कारण किसी से कुछ नहीं कह सकी। सोनू ने उसे धमकाया कि अगर उसने किसी को बताया तो उसके परिवार को जान से मार देगा।

धमकियों का सिलसिला

पीड़िता ने आगे बताया कि जब उसे सोनू की असली पहचान के बारे में पता चला, तो उसने विरोध किया। लेकिन सोनू ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया। उसने कई बार रेप किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। तबीयत खराब होने पर डॉक्टर के पास जाने पर ही यह सच सामने आया।

धार्मिक संगठनों की नाराजगी

धार्मिक संगठनों ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पार्षद के दबाव में पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। धार्मिक संगठनों ने पुलिस पर निष्पक्ष कार्रवाई करने का दबाव बनाया है और कहा है कि अगर आरोपी और उसके सहयोगियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।

पुलिस की प्रतिक्रिया

एसीपी सिद्धार्थ गौतम ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस निष्पक्ष रूप से मामले की जांच करेगी और दोषियों को सजा दिलाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार के दबाव में आकर पुलिस अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेगी।

Conclusion

इस घटना ने गाजियाबाद के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। एक ओर जहां पीड़िता और उसका परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर धार्मिक संगठन भी मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मामले ने यह भी दिखाया है कि कैसे अपराधी अपने असली पहचान को छिपाकर मासूम लोगों को शिकार बनाते हैं और कैसे राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस की कार्रवाई प्रभावित होती है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और पीड़िता को कब न्याय मिलता है।

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