दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुआ दर्दनाक हादसा: कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरे पानी से तीन छात्राओं की मौत!
ओल्ड राजेंद्र नगर का हादसा जिसने हिला दी दिल्ली
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में शनिवार शाम एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। भारी बारिश के कारण एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया, जिससे तीन छात्राओं की दर्दनाक मौत हो गई। ये सभी छात्राएं सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं और उनके जीवन की यह दुखद अंत कहानी उनके सपनों को अधूरा छोड़ गई।
पानी भरने से मौत का फंदा
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित ‘राव IAS स्टडी सेंटर’ में शाम करीब 7 बजे जलभराव की सूचना मिली। दमकल की 7 गाड़ियां मौके पर पहुंची और तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया। बेसमेंट में 30 से अधिक छात्र फंसे हुए थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि बेसमेंट में एक लाइब्रेरी थी जहां कई विद्यार्थी अध्ययनरत थे।
बेसमेंट में घुटनों तक भर गया था पानी
हादसे के वक्त वहां मौजूद कुछ छात्रों ने बताया कि बेसमेंट में अचानक घुटनों तक पानी भर गया था। एक छात्रा ने बताया, “पानी का बहाव इतना तेज था कि बेसमेंट का गेट ही टूट गया और पानी अचानक से अंदर घुस गया।” खराब जल निकासी के कारण बेसमेंट में पानी भरने से स्थिति और बिगड़ गई। छात्रों को बाहर निकालने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश तीन छात्राएं बेसमेंट में ही फंसी रह गईं।
घंटों चला रेस्क्यू ऑपरेशन
बचाव अभियान लगभग आठ घंटे तक चला। शाम 7 बजे शुरू हुआ यह ऑपरेशन रात 3:51 बजे तक चला। रात 10:40 बजे पहला शव, 11:18 बजे दूसरा शव और 1:05 बजे तीसरा शव बरामद हुआ। इन तीन छात्राओं के नाम श्रैया (25 वर्ष), नेविन डेलविन (28 वर्ष) और तानिया (25 वर्ष) थे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। इस हादसे के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है और लोग कोचिंग सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
पानी भरने की वजह
इस घटना के पीछे का कारण खराब जल निकासी को बताया जा रहा है। कुछ छात्रों ने यह भी कहा कि कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग में पहले से ही सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही थी। घटना के वक्त बेसमेंट में पानी भरने के कारण वहां रखा फर्नीचर भी तैरने लगा था।
स्थानीय प्रशासन और सरकार पर लगे आरोप
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने घटनास्थल का दौरा किया और इस हादसे के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को दोषी ठहराया। उनका कहना है कि स्थानीय विधायक ने नालियों की सफाई के लिए लोगों की अपील को नजरअंदाज कर दिया था। सचदेवा ने आरोप लगाया कि “इस हादसे के लिए दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है। जल बोर्ड की मंत्री आतिशी और स्थानीय विधायक दुर्गेश पाठक को जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए।”
सरकार की प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को 24 घंटे के भीतर इस घटना की जांच करने के निर्देश दिए हैं। आतिशी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह घटना कैसे घटी, इसकी जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
पुरानी घटनाओं की याद दिलाता हादसा
दिल्ली में कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी का यह पहला मामला नहीं है। इस सप्ताह की शुरुआत में ही मध्य दिल्ली के पटेल नगर इलाके में भारी बारिश के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे 26 वर्षीय एक छात्र की करंट लगने से मौत हो गई थी।
पिछले साल जून में दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लगने से छात्रों को रस्सियों के सहारे कूदकर जान बचानी पड़ी थी। इस हादसे में कुल 61 छात्र घायल हुए थे। इन घटनाओं ने एक बार फिर से कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी
दिल्ली में कई शैक्षिक कोचिंग सेंटर हैं जो सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं। मई में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण को आदेश दिया था कि वे निर्धारित अग्नि सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन में संचालित होने वाले किसी भी कोचिंग सेंटर को तुरंत बंद कर दें। इसके बावजूद, इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।
सवालों के घेरे में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा
इस हादसे ने एक बार फिर से दिल्ली में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण छात्रों की जिंदगी खतरे में पड़ रही है। छात्रों और उनके अभिभावकों को अब सरकार से उम्मीद है कि वह इस तरह के हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
निष्कर्ष:
दिल्ली में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा मानकों की अनदेखी का यह एक और उदाहरण है। इस घटना ने न केवल छात्रों के जीवन को खतरे में डाला है, बल्कि सरकार और प्रशासन के लिए भी यह एक चेतावनी है कि वह कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करें। इस हादसे से सभी को यह सीखने की जरूरत है कि सुरक्षा के मानकों की अनदेखी का खामियाजा कितना गंभीर हो सकता है।
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