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Congress-AAP का ब्रेकअप: दिल्ली-हरियाणा में अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला, महाराष्ट्र-झारखंड में I.N.D.I.A का संगम
दिल्ली और हरियाणा में Congress-AAP का Breakup
नई दिल्ली, एजेंसी। Politics में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। हाल ही में Congress और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच Alliance टूटने की खबर सामने आई है। दिल्ली और हरियाणा में दोनों पार्टियां अलग-अलग Assembly Elections लड़ेंगी। Congress महासचिव जयराम रमेश ने साफ किया कि इन दो राज्यों में Congress और AAP के बीच कोई गठबंधन नहीं होगा।
जयराम रमेश ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा में Congress और AAP अपने-अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। यह बयान उनके द्वारा आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया गया। रमेश ने साफ किया कि इन दोनों राज्यों में Congress और AAP के बीच Alliance की कोई गुंजाइश नहीं है।
महाराष्ट्र और झारखंड में I.N.D.I.A का संगम
हालांकि, यह Alliance पूरी तरह से टूट नहीं गया है। जयराम रमेश ने कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड में I.N.D.I.A Alliance मिलकर चुनाव लड़ेगा। समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक Interview में रमेश ने कहा कि राज्यों के चुनावों के लिए I.N.D.I.A Alliance कोई एक Formula नहीं अपनाएगा।
रमेश ने बताया कि I.N.D.I.A उन राज्यों में मिलकर चुनाव लड़ेगा, जहां Congress और अन्य गठबंधन सहयोगी इस पर सहमत होंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड और महाराष्ट्र में I.N.D.I.A मिलकर चुनाव लड़ेगा, जबकि अन्य राज्यों में यह Alliance राज्य की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
पंजाब में भी अलग राहें
पंजाब में भी Congress और AAP का कोई गठबंधन नहीं होगा। जयराम रमेश ने बताया कि हरियाणा में Lok Sabha Elections में AAP को एक सीट दी गई थी, लेकिन Assembly Elections में यह संभव नहीं हो पाया। पंजाब में Congress और AAP ने Lok Sabha और Assembly दोनों Elections अलग-अलग लड़े थे।
दिल्ली में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही। आम आदमी पार्टी ने खुद ही कहा है कि Assembly Elections में I.N.D.I.A Alliance नहीं होगा। हालांकि, Lok Sabha Elections में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन Assembly Elections में दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
Alliance की अस्थिरता
यह साफ हो गया है कि Congress और AAP के बीच का यह Alliance स्थायी नहीं है। हालांकि, कुछ राज्यों में यह Alliance काम करेगा, वहीं अन्य राज्यों में यह टूट जाएगा। इसका मुख्य कारण यह है कि प्रत्येक राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग-अलग होती है और वहां के मतदाताओं की प्राथमिकताएं भी भिन्न होती हैं।
इस Alliance के टूटने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा कारण यह है कि दोनों पार्टियों की विचारधारा और रणनीतियां अलग-अलग हैं। Congress एक पुरानी पार्टी है और उसका अपना एक स्थापित जनाधार है, जबकि AAP एक नई पार्टी है और उसकी प्राथमिकताएं और रणनीतियां भी नई हैं।
जनता की प्रतिक्रिया
इस Alliance के टूटने पर जनता की प्रतिक्रिया भी मिली-जुली रही है। कुछ लोग इसे राजनीतिक अस्थिरता का संकेत मानते हैं, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम सही है और इससे पार्टियों को अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।
जनता की राय का इस चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना साफ है कि Congress और AAP के इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, Congress और AAP के बीच का यह Alliance फिलहाल दो राज्यों में टूट गया है, लेकिन कुछ अन्य राज्यों में यह कायम रहेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में यह फैसला दोनों पार्टियों के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है।
Political Analysts का मानना है कि इस फैसले से दोनों पार्टियों को अपनी-अपनी रणनीतियों को और बेहतर तरीके से लागू करने का मौका मिलेगा। वहीं, जनता की प्रतिक्रिया और आगामी चुनावों के परिणाम ही इस फैसले की असली परीक्षा होंगे।
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