December 23, 2024

सीएम योगी

मुहर्रम पर सीएम योगी का बड़ा बयान, मुख्तार अब्बास नकवी का तगड़ा जवाब: जानिए पूरी सच्चाई!

मुहर्रम पर सीएम योगी का बड़ा बयान, मुख्तार अब्बास नकवी का तगड़ा जवाब: जानिए पूरी सच्चाई!

मुहर्रम को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुहर्रम त्योहार को लेकर एक अहम बयान दिया है, जो अब चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा है कि तीज त्योहार कानून के दायरे में रहकर ही मनाने चाहिए। योगी आदित्यनाथ के इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दे दिया है।

मुख्तार अब्बास नकवी का सीएम योगी के बयान पर समर्थन

मुख्तार अब्बास नकवी, बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री, ने सीएम योगी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम को श्रद्धा और शालीनता के साथ, गवर्नमेंट के आदेश का सम्मान करते हुए मनाना चाहिए। नकवी ने कहा, “सीएम योगी ने जो कहा है उसमें कोई कंफ्यूजन नहीं है, लेकिन कुछ लोगों की आदत होती है कि कानून पर भी कलर चढ़ाने की कोशिश करते हैं। श्रद्धा आपकी है, श्रद्धा के साथ करिए। इसमें शालीनता भी जरूरी है और गवर्नमेंट के आदेश का सम्मान करना भी जरूरी है। ये सब समाज के हित में है। पूरे देश में मुहर्रम को लोग बहुत सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाते हैं।”

सीएम योगी का अल्टीमेटम

14 जुलाई को बीजेपी की यूपी कार्यसमिति की मीटिंग में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुहर्रम के समय में सड़कें सूनी हो जाती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, “आज मुहर्रम आयोजित हो रहा है, इसका पता भी नहीं चल रहा। ताजिया के नाम पर घर तोड़े जाते थे, पीपल के पेड़ काटे जाते थे, सड़कों के तार हटाए जाते थे। मगर अब कहा जाता है कि किसी गरीब की झोपड़ी नहीं हटेगी। गवर्नमेंट ने रूल्स बनाए हैं, त्योहार मनाने हैं तो रूल्स के तहत मनाओ नहीं तो घर बैठ जाओ। ये मनमानापन नहीं चल सकता है।”

मुहर्रम का महत्व

मुहर्रम इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों के लिए एक खास दिन है। इस मौके पर ताजिए यानी मोहर्रम का जुलूस निकाला जाता है। शिया मुसलमान इमामबाड़ों में जाकर मातम मनाते हैं और ताजिया निकालते हैं। मुहर्रम की 10वीं तारीख को यौम-ए-आशूरा होता है, जो इस साल 17 जुलाई को होगा। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, कर्बला में युद्ध के दौरान हजरत मुहम्मद के नवासे हजरत हुसैन अपने 72 साथियों के साथ शहीद हो गए थे। इस कारण मुसलमान इस महीने में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का गम मनाकर उन्हें याद करते हैं।

योगी के बयान पर विरोध और समर्थन

मुख्तार अब्बास नकवी का बयान योगी आदित्यनाथ के बयान के समर्थन में आया है, जबकि कुछ लोगों ने इस बयान की आलोचना भी की है। सोशल मीडिया पर लोग अपने-अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। कुछ लोग मानते हैं कि धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर कानून का उल्लंघन नहीं होना चाहिए, वहीं कुछ लोग मानते हैं कि धार्मिक आयोजनों में गवर्नमेंट को दखल नहीं देना चाहिए।

क्या कहता है कानून?

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 के तहत मिलता है। लेकिन यह स्वतंत्रता भी कुछ सीमाओं के साथ आती है। सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के हित में गवर्नमेंट को नियम बनाने का अधिकार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान इसी संदर्भ में देखा जा सकता है। गवर्नमेंट का मकसद सभी धर्मों के लोगों को समान रूप से नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है ताकि किसी भी प्रकार का सार्वजनिक असुविधा या अशांति न हो।

योगी और नकवी के बयानों का प्रभाव

मुख्तार अब्बास नकवी और सीएम योगी आदित्यनाथ के बयानों का उद्देश्य स्पष्ट है – सभी धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों को शालीनता और कानून के दायरे में रहकर मनाना। इस प्रकार के बयान समाज में एक सकारात्मक संदेश भेजते हैं और लोगों को जिम्मेदारी के साथ अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं।

निष्कर्ष

मुहर्रम के समय में सीएम योगी आदित्यनाथ और मुख्तार अब्बास नकवी के बयानों ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि किसी भी धार्मिक आयोजन को कानून और शालीनता के साथ मनाना चाहिए। यह समाज के लिए एक सकारात्मक कदम है और इससे सभी धर्मों के लोगों को अपने-अपने त्योहार शांति और सहिष्णुता के साथ मनाने का अवसर मिलेगा।

इस पूरे प्रकरण में महत्वपूर्ण यह है कि हम सभी धार्मिक और सामाजिक आयोजनों को कानून के दायरे में रहकर मनाएं और एक समृद्ध और शालीन समाज का निर्माण करें।