मनु भाकर: पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतकर बनीं भारतीय खेलों की नई स्टार, क्या तीसरा पदक भी मिलेगा?
*मनु भाकर ने जीते दो पदक, करोड़ों भारतीयों के चेहरे पर लाई मुस्कान*
मनु भाकर (Manu Bhaker) ने महज 22 साल की उम्र में पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतकर भारतीय खेलों की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। स्वतंत्र भारत में एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बनकर उन्होंने करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया है। महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर मिश्रित एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने साबित कर दिया है कि उनकी मेहनत और समर्पण का कोई मुकाबला नहीं है।
*तीसरे स्पर्धा से पहले मनु की उम्मीद*
मनु अब 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल क्वालीफिकेशन में प्रतिस्पर्धा करेंगी। यह प्रतियोगिता 2 अगस्त को होगी और इससे पहले उन्होंने अपने चाहने वालों से उम्मीद जताई है कि उनका प्यार और समर्थन बना रहेगा, चाहे वह पदक जीतें या नहीं। मनु ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि लोग मेरे प्रयासों की सराहना करेंगे और अगर मैं पदक जीतने में विफल रहती हूं तो कोई निराश नहीं होगा।”
*मनु भाकर की प्रेरणा: नीरज चोपड़ा और पीवी सिंधु*
मनु भाकर ने हाल ही में रेव स्पोर्ट्स के साथ इंटरव्यू में अपने रोल मॉडल्स के नाम का खुलासा किया है। वह नीरज चोपड़ा और पीवी सिंधु को अपना प्रेरणास्त्रोत मानती हैं। उन्होंने कहा, “नीरज चोपड़ा और पीवी सिंधु ने बड़े लेवल पर जो मुकाम हासिल किया है, उसने मुझे काफी प्रेरणा दी है। मैं इन दो खिलाड़ियों को फॉलो करती हूं और उनकी मेहनत और सफलता को देखकर मोटिवेट होती हूं।”
*मनु भाकर का सपना और टोक्यो ओलंपिक की निराशा*
मनु भाकर ने अपने अद्भुत प्रदर्शन से टोक्यो ओलंपिक की निराशा को पीछे छोड़ दिया है। टोक्यो में पिस्टल में खराबी के कारण उनका अभियान आगे नहीं बढ़ पाया था और वह काफी भावुक हो गई थीं। लेकिन पेरिस ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने साबित कर दिया है कि असफलताओं से सीखना और आगे बढ़ना ही सच्चे खिलाड़ी की पहचान है। उन्होंने कहा, “यह कांस्य पदक मेरे सपने का हिस्सा है। एक हिस्सा बैग में है और दूसरा यहां मेरे पास है। किसी भी खिलाड़ी का सपना ओलंपिक में पदक जीतना होता है और यही मेरा भी सपना था।”
*नीरज चोपड़ा और पीवी सिंधु की सफलता से प्रेरणा*
मनु भाकर ने अपने इंटरव्यू में नीरज चोपड़ा और पीवी सिंधु की मेहनत और सफलता की तारीफ की। उन्होंने कहा, “अपने समय में मैं हमेशा पीवी सिंधु और नीरज चोपड़ा की कड़ी मेहनत और सफलता को देखकर मोटिवेट होती हूं। उनकी कड़ी मेहनत के लिए उनकी सराहना करती हूं।” मनु ने बताया कि इन दोनों खिलाड़ियों ने बड़े लेवल पर जो मुकाम हासिल किया है, उसने मुझे काफी प्रेरणा दी है। मैं इन दो खिलाड़ियों को फॉलो करती हूं और उनकी मेहनत और सफलता को देखकर मोटिवेट होती हूं।
*मनु भाकर का भविष्य और भारतीय खेलों का उज्ज्वल भविष्य*
मनु भाकर का अद्वितीय प्रदर्शन पेरिस ओलंपिक में भारतीय खेलों के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है। उन्होंने अपने संघर्ष और समर्पण से यह साबित कर दिया है कि भारतीय खिलाड़ी किसी भी मंच पर उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं। मनु का सपना है कि वह ओलंपिक में अधिक से अधिक पदक जीतें और अपने देश का नाम रोशन करें। उनकी यह यात्रा अभी शुरू ही हुई है और उम्मीद है कि आने वाले समय में वह और भी बड़े मुकाम हासिल करेंगी।
*मनु भाकर के समर्थकों के लिए संदेश*
मनु भाकर ने अपने सभी समर्थकों का धन्यवाद करते हुए कहा, “आप सभी के प्यार और समर्थन के बिना यह सब संभव नहीं होता। मुझे उम्मीद है कि आपका प्यार और समर्थन यूं ही बना रहेगा और मैं आगे भी आपके लिए और पदक जीतने की कोशिश करूंगी।” उन्होंने यह भी कहा कि असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनसे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए।
*मनु भाकर की सफलता की कहानी: संघर्ष, मेहनत और समर्पण*
मनु भाकर की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, संघर्ष और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मनु ने साबित कर दिया है कि अगर आपके अंदर जुनून और समर्पण है तो कोई भी मुश्किल आपके रास्ते में बाधा नहीं बन सकती। पेरिस ओलंपिक में उनके दो पदक जीतने से न केवल भारतीय खेलों को नया गौरव मिला है, बल्कि उन्होंने यह भी साबित किया है कि भारतीय महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
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