December 23, 2024

जय फिलस्तीन

हैदराबाद से 18वीं लोकसभा के लिए ओवैसी ने ली शपथ, ‘जय फिलस्तीन’ के नारे पर मचा बवाल

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हैदराबाद से 18वीं लोकसभा के लिए ओवैसी ने ली शपथ, ‘जय फिलस्तीन’ के नारे पर मचा बवाल!

Asaduddin Owaisi ने Shapath लेते ही लगाया ‘जय फिलस्तीन’ का नारा, Parliament में हुआ विवाद

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख Asaduddin Owaisi ने मंगलवार को 18वीं लोकसभा के लिए सांसद के रूप में शपथ ली। तेलंगाना की हैदराबाद सीट से लगातार पांचवीं बार सांसद चुने गए Owaisi ने उर्दू में शपथ ली और शपथ के दौरान ‘जय फिलस्तीन’ का नारा भी लगाया, जिससे संसद में बवाल मच गया।

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद Shobha Karandlaje ने Owaisi के इस बयान का कड़ा प्रतिरोध किया। इसके बाद लोकसभा में पीठासीन अधिकारी Radha Mohan Singh ने Owaisi के इस बयान को रिकार्ड से निकालने के लिए कहा। हालांकि, Parliament TV ने Owaisi के शपथ का पूरा वीडियो ट्वीट किया है, जिससे यह मामला और गरम हो गया है।

क्या-क्या कहा Asaduddin Owaisi ने?

प्रोटेम स्पीकर ने जब Asaduddin Owaisi को लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए बुलाया, तो Owaisi ने ‘बिस्मिल्लाह’ पढ़कर शपथ की शुरुआत की। शपथ लेने के बाद उन्होंने ‘जय भीम’, ‘जय मीम’, ‘जय तेलंगाना’, ‘जय फिलस्तीन’ और ‘तकबीर अल्ला हू अकबर’ का नारा लगाया। इस पूरे घटनाक्रम ने सत्ता पक्ष के सांसदों को नाराज कर दिया, जिससे संसद में जोरदार हंगामा हुआ।

‘जय फिलस्तीन’ के नारे पर क्यों हुआ विवाद?

Asaduddin Owaisi का ‘जय फिलस्तीन’ का नारा लगाना कई सांसदों को खटक गया। यह नारा Israel-Palestine विवाद से जुड़ा है और भारत की विदेश नीति में फिलस्तीन के समर्थन की हमेशा से संवेदनशीलता रही है। बीजेपी सांसद Shobha Karandlaje ने इसे असंवैधानिक और राष्ट्रहित के खिलाफ करार दिया। इसके बाद पीठासीन अधिकारी Radha Mohan Singh ने इस बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया।

हैदराबाद से कबसे जीत रहे हैं Asaduddin Owaisi?

Asaduddin Owaisi हैदराबाद लोकसभा सीट से लगातार पांचवीं बार सांसद चुने गए हैं। इस बार उन्हें कुल 6,61,981 वोट मिले, जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी की Madhavi Latha को 3,23,894 वोट मिले। इस तरह Owaisi ने बीजेपी उम्मीदवार को 3,38,087 वोटों के विशाल अंतर से मात दी। Owaisi ने इस सीट से पहली बार 2004 में चुनाव जीता था। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में भी उन्होंने जीत हासिल की थी।

Asaduddin Owaisi का राजनीतिक सफर

Asaduddin Owaisi का राजनीतिक सफर काफी लंबा और विवादों से भरा रहा है। उनके पिता Sultan Salahuddin Owaisi भी हैदराबाद से सांसद रह चुके थे। Asaduddin ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए AIMIM को राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत मुस्लिम राजनीतिक दल के रूप में स्थापित किया है।

AIMIM और विवाद

AIMIM का इतिहास विवादों से घिरा रहा है। पार्टी की नीतियां और बयान अक्सर विवादों को जन्म देते हैं। Asaduddin Owaisi का व्यक्तित्व भी हमेशा से ही विवादित रहा है। उन्होंने कई बार अपने बयानों से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है।

Asaduddin Owaisi का भविष्य

Owaisi का भविष्य भारतीय राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण है। उनके समर्थक उन्हें एक मजबूत मुस्लिम नेता के रूप में देखते हैं, जो उनकी आवाज को संसद में बुलंद कर सकते हैं। वहीं, उनके विरोधी उन्हें विभाजनकारी राजनीति करने वाला नेता मानते हैं।

Owaisi और उनकी पार्टी की चुनौतियां

Owaisi और उनकी पार्टी के सामने कई challenges हैं। उन्हें अपने supporters के विश्वास को बनाए रखना है और साथ ही नए समर्थकों को भी जोड़ना है। इसके अलावा, उन्हें अपने बयानों और नीतियों को लेकर उठने वाले विवादों से भी निपटना होगा।

निष्कर्ष

Asaduddin Owaisi का ‘जय फिलस्तीन’ का नारा लगाना भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे गया है। उनकी शपथ के दौरान उठाए गए इस कदम से संसद में विवाद हुआ, लेकिन यह उनकी राजनीतिक शैली का हिस्सा भी है। Owaisi ने हमेशा से ही अपने बयानों और नीतियों से चर्चा में बने रहना पसंद किया है। अब देखना यह होगा कि उनके इस बयान का भविष्य में क्या प्रभाव पड़ता है और वे अपनी पार्टी को किस दिशा में ले जाते हैं।

इस विवाद से एक बात तो साफ है कि Asaduddin Owaisi भारतीय राजनीति में अपनी पहचान बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उनकी पार्टी AIMIM के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, जहां उन्हें अपने समर्थकों को यह दिखाना है कि वे उनकी आवाज को संसद में बुलंद कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें यह भी ध्यान रखना होगा कि उनके बयानों से देश की एकता और अखंडता पर कोई आंच न आए।